Thursday 20 December 2018

पता तो करो...

क्या ये सच में इश्क़ है ... पता तो करो 
अरे वो सामने ही तो बैठे है .. इब्तिदा तो करो 
दिल है दिल्लगी है या है कोई मौशिकी यारो 
बेवफाई का डर है तो क्या हुआ ... कुछ खता तो करो 

Tuesday 31 July 2018

जान दिए बैठे है ....

अरे हम तो अपनी जमीन.... अपना आसमान दिए बैठे है 
तेरे कदमो में अपना सारा जहान दिए बैठे है 
तू जान की दुश्मन है... कहते है ये दुनिया वाले 
और अपनी जान के दुश्मन को हम अपनी जान दिए बैठे है 

Friday 27 July 2018

तेरा दीदार सा हूँ...

आजकल कुछ बेजार सा हूँ
आइना नहीं हु मैं... बस तेरा दीदार सा हूँ
उनकी नस्लों से कह दो के झुका नहीं हूँ मैं
बस तेरे इश्क़ मैं कुछ बीमार सा हूँ 

Monday 23 July 2018

तुम्हारे लबो पे हमने...

ये बदलती जमीन देखी है...बदलते आसमान देखे है 
तुम्हारे लबो पे हमने अपने कुछ निशान देखे है 
अरे हम तो इश्क़ में मरने की भी हसरते रखते है अब 
वरना फ़िक्र में तो तेरी कितने ही आशिक़ परेशान देखे है 

Saturday 14 July 2018

वो आशिकी का दौर...!!

वो आशिकी का दौर कभी फिर तो आया होता..!!
अपनी यादो में आपने कभी बुलाया तो होता... !!
अरे हम तो तेरे इश्क़ में मर भी जाते मोहतरमा... !! 
एक बार हसरतो से अपनी रुबरू तो कराया होता... !!



प्रोफाइल पिक्चर ...

में ये नहीं कहता की तू मुझे डेट कर 
थोड़ा सा में वेट करू थोड़ा सा तू भी वेट कर
अब तो एक ज़माना सा हो गया है तेरा दीदार करे ज़ालिम 
कम से कम फेसबुक पे प्रोफाइल पिक्चर तो अपडेट कर 

Monday 26 February 2018

ऐ ज़िन्दगी कितनी तन्हा है तू ....

ऐ ज़िन्दगी... कितनी तन्हा है तू
थोड़ा तो रहम कर कितनी बेपरवाह है तू 

ये शहर खाली खाली से है
ये गांव बिखरे बिखरे से है
थोड़े से घांव थे जो मेरे कभी
वो अब कुछ निखरे निखरे से है

ऐ ज़िन्दगी इन जख्मो को नासूर न बना देना
हमें फिर से उनकी याद में मजबूर न बना देना
जिसकी मोहब्बत में लुटा दिए शहर मेने
ऐ ज़िन्दगी उसे तू मगरूर न बना देना 

ऐ ज़िन्दगी बस इतना रहम कर तू
थोड़ी सी तो परवाह कर ले ना तू
तेरे इंकार में तो बस दिल से आवाज आएगी
की ऐ ज़िन्दगीकितनी तन्हा  है तू


ऐ ज़िन्दगी... कितनी तन्हा है तू !!




Friday 16 February 2018

उसकी जुल्फे ...

अगर उसकी जुल्फे उसके माथे पे आये 
तो इसे बेफिक्री ना समझना 
जो वो थोड़ा कभी देर से आये 
तो इसे नासमझी ना समझना 
उसकी आजादी उसकी जुल्फों में बंद हैं 
तुम उन्हें ठीक ना करना 
वो दरअसल उसे ऐसे ही पसंद हैं 

Sunday 4 February 2018

तेरी याद छुपी होगी...

यूं तो प्यार करने के है तुझसे तरीके कई !! 
तेरा साथ पाने के है फलसफे कई !!
पर उस साथ में भी तो तेरी याद छुपी होगी !!
कोई किस्सा कोई बात एक मुलाक़ात छुपी होगी !! 
मैं दूर से भी देख लू इन निगाहो से तुझको !!
पर इन निगाहो में भी तो एक फरियाद छुपी होगी !!

Thursday 11 January 2018

उस एक ख्वाब के इंतज़ार में .... !!

ख्वाबो में ही आते रहना !!
क्या ये अदा तुम्हारी है !!
यु नजरो से चोरी करना !!
क्या ये तरकीब तुम्हारी है !!

इन तरकीबो से ही हुआ हूँ !!

मैं वो घायल बोल रहा हूँ !!
कुछ पागल कुछ सिरफिरा !!
हा मैं वो शायर बोल रहा हूँ !! 

ख्वाबो में ही बाते होती है आजकल  !!

थोड़ी कभी मुलाक़ाते होती है आजकल !!
पर उन मुलाक़ातों में भी तो तुमसे बात नहीं होती !!
एक बार तुम अगर नजर भर दो !!
तो उस दिन रात नहीं होती !!

तुम कभी मेरे ख्वाबो में आना !!

कुछ बाते करेंगे कुछ यादे बनाना!!
कुछ किस्से तुम्हारे कुछ मेरी कहानी!!
काश उस ख्वाब में यू ही काट जाए मेरी ज़िंदगानी !!

ऐ सूरज ऐ चंदा ऐ फलक के तारे !!

ओ पंछी ओ नदियां ओ जहाँ के सितारे !!
ना जलना ना रुकना ना रोना कभी तुम !!
कभी जो वो अगर आ जाए इन ख्वाबो में हमारे !!
  
ख्वाबो में वो आएगी तो बाते करेंगे !!
कुछ मुलाक़ाते अधूरी है उन्हें पूरा करेंगे !!
कुछ कसमो कुछ किस्सों कुछ वादों को उसने !!
कभी तोडा था जो उनको फिर से जियेंगे !!

कितना कुछ है उससे बताने को !!

वो आए तो सही !!
कुछ किस्से भी तो है उससे छुपाने को !!
वो कभी मुस्कुराए तो सही !!

पर कुछ किस्से कुछ यादे सारी बात  नहीं होती !!

कुछ कस्मे कुछ वादे मुलाक़ात नहीं होती !!
होती है हर रात अँधेरी मगर !!
हर रात चांदनी रात नहीं होती  !!