Thursday 11 January 2018

उस एक ख्वाब के इंतज़ार में .... !!

ख्वाबो में ही आते रहना !!
क्या ये अदा तुम्हारी है !!
यु नजरो से चोरी करना !!
क्या ये तरकीब तुम्हारी है !!

इन तरकीबो से ही हुआ हूँ !!

मैं वो घायल बोल रहा हूँ !!
कुछ पागल कुछ सिरफिरा !!
हा मैं वो शायर बोल रहा हूँ !! 

ख्वाबो में ही बाते होती है आजकल  !!

थोड़ी कभी मुलाक़ाते होती है आजकल !!
पर उन मुलाक़ातों में भी तो तुमसे बात नहीं होती !!
एक बार तुम अगर नजर भर दो !!
तो उस दिन रात नहीं होती !!

तुम कभी मेरे ख्वाबो में आना !!

कुछ बाते करेंगे कुछ यादे बनाना!!
कुछ किस्से तुम्हारे कुछ मेरी कहानी!!
काश उस ख्वाब में यू ही काट जाए मेरी ज़िंदगानी !!

ऐ सूरज ऐ चंदा ऐ फलक के तारे !!

ओ पंछी ओ नदियां ओ जहाँ के सितारे !!
ना जलना ना रुकना ना रोना कभी तुम !!
कभी जो वो अगर आ जाए इन ख्वाबो में हमारे !!
  
ख्वाबो में वो आएगी तो बाते करेंगे !!
कुछ मुलाक़ाते अधूरी है उन्हें पूरा करेंगे !!
कुछ कसमो कुछ किस्सों कुछ वादों को उसने !!
कभी तोडा था जो उनको फिर से जियेंगे !!

कितना कुछ है उससे बताने को !!

वो आए तो सही !!
कुछ किस्से भी तो है उससे छुपाने को !!
वो कभी मुस्कुराए तो सही !!

पर कुछ किस्से कुछ यादे सारी बात  नहीं होती !!

कुछ कस्मे कुछ वादे मुलाक़ात नहीं होती !!
होती है हर रात अँधेरी मगर !!
हर रात चांदनी रात नहीं होती  !!