Friday 24 November 2017

तेरे बिना....

तेरे बिना हमसे अब जिया नहीं जाता 
तेरी नफरत का घूंठ अब पिया नहीं जाता 
पिलाना ही है तो जहर ही पिला दे ग़ालिब 
हमसे इन आंसुओ को खुशी का नाम दिया नहीं जाता 

Tuesday 8 August 2017

एक हमारा दिल ..!!

हमारे होंठो को बस तेरा नाम सूझता है !!
हमारा दिल भी बस तेरा पता पूछता है !!
अब तो कोई बताये क्या बताऊ मै इसे !!
तेरे बिना ये कभी मानता कभी रूठता है !!

ये दिल्लगी..!!

काश ये आशिक़ी न हुई होती !!
काश ये मौशिकी न हुई होती !!
आती हमे मौत तो गले लगा लेते हसते हसते !!
अगर तुझसे ये दिल्लगी न हुई होती !!

एक बेखुदी सी है... !!

ये जो एक बेबसी सी है 
कुछ दिल्लगी कुछ आशिक़ी सी है 
क्या करे हम इस दुनिया मे तेरे बिना 
अब तो मौत के लिए एक मौशिकी सी है 
आएगी मौत तो रोक लेंगे साँसे थोड़ी देर 
बस तुझे देखने के लिए ये एक बेखुदी सी है 

वो पगली सी लड़की..!!



वो पगली सी लड़की मेरी बात नहीं समझती !!
बात समझ भी लेती है तो जज्बात नहीं समझती !!
काश वो कर लेती मुझसे एक बार मुलाक़ात !!
मुलाक़ात कर भी लेती पर मेरी रात नहीं समझती !!

Saturday 5 August 2017

कुछ तो था शायद...!!



मेरे मन मे उसके लिए एक ख्याल सा था 
कुछ तो था शायद कुछ सवाल सा था 
हसरते पूरी करने की कोशिश मे लगे थे हम तो 
हमे क्या पता की उधर भी कुछ बवाल सा था 

Friday 4 August 2017

एक अधूरा ख्वाब... !!



मेरी तमन्ना इस ज़िन्दगी से जाने की है 
मेरी आरजू इस तमन्ना को पाने की है 
मगर जाने से पहले उसे देखना चाहती है ये नज़रे 
अब इन्हे कोई समझाओ की इनकी हसरते चाँद पर घराना बनाने की है 


काश मुझसे एक बार !!



काश मुझसे एक बार वो इजहार कर लेती !!
थोड़ा सा मैं चाहता थोड़ा सा वो इकरार कर लेती !!
अब तो पूजने लगा हूँ मैं तुझे दिल से !!
काश तू भी किसी दिन आके मुझसे प्यार कर लेती !!

एक लड़का ...एक लड़की !!


एक लड़का ...एक लड़की दोनों ऐसे मिले

जैसे दरिया के दो किनारे हो
जैसे बारिश की कुछ फुंवारे हो

जैसे रेत हसता है सावन मे
जैसे मस्ती होती है फागन मे

जैसे सूरज के पास चंदा रहे
जैसे बारिश को बस धूप सहे

जैसे हर पल मे रात सी है
जैसे हर बात मे कोई बात सी है

जैसे सारी हदें बस टूटने को है
जैसे कुछ यादे बस छूटने को है

अब तो हर लम्हा इसका फरियादी है
इस बात मे भी तो दोनों राजी हैं

पर भगवन को था ये मंज़ूर नहीं
उनके दूर जाने की घडी अब दूर नहीं

वो मरने जीने की कसमे
वो किस्से वादे और रश्मे

वो  सावन फागन का झरना
वो पल पल उनका यू मरना

वो घडी जिसपे जाना है इन दोनों को दूर 
काश किस्मत ना करती उसे मंज़ूर

पर दोनों के होंठ भी तो है सिले
एक लड़का ...एक लड़की दोनों ऐसे मिले

एक लड़का ...एक लड़की दोनों ऐसे मिले