तेरे बिना हमसे अब जिया नहीं जाता
तेरी नफरत का घूंठ अब पिया नहीं जाता
पिलाना ही है तो जहर ही पिला दे ग़ालिब
हमसे इन आंसुओ को खुशी का नाम दिया नहीं जाता
तेरी नफरत का घूंठ अब पिया नहीं जाता
पिलाना ही है तो जहर ही पिला दे ग़ालिब
हमसे इन आंसुओ को खुशी का नाम दिया नहीं जाता