Monday 26 February 2018

ऐ ज़िन्दगी कितनी तन्हा है तू ....

ऐ ज़िन्दगी... कितनी तन्हा है तू
थोड़ा तो रहम कर कितनी बेपरवाह है तू 

ये शहर खाली खाली से है
ये गांव बिखरे बिखरे से है
थोड़े से घांव थे जो मेरे कभी
वो अब कुछ निखरे निखरे से है

ऐ ज़िन्दगी इन जख्मो को नासूर न बना देना
हमें फिर से उनकी याद में मजबूर न बना देना
जिसकी मोहब्बत में लुटा दिए शहर मेने
ऐ ज़िन्दगी उसे तू मगरूर न बना देना 

ऐ ज़िन्दगी बस इतना रहम कर तू
थोड़ी सी तो परवाह कर ले ना तू
तेरे इंकार में तो बस दिल से आवाज आएगी
की ऐ ज़िन्दगीकितनी तन्हा  है तू


ऐ ज़िन्दगी... कितनी तन्हा है तू !!




Friday 16 February 2018

उसकी जुल्फे ...

अगर उसकी जुल्फे उसके माथे पे आये 
तो इसे बेफिक्री ना समझना 
जो वो थोड़ा कभी देर से आये 
तो इसे नासमझी ना समझना 
उसकी आजादी उसकी जुल्फों में बंद हैं 
तुम उन्हें ठीक ना करना 
वो दरअसल उसे ऐसे ही पसंद हैं 

Sunday 4 February 2018

तेरी याद छुपी होगी...

यूं तो प्यार करने के है तुझसे तरीके कई !! 
तेरा साथ पाने के है फलसफे कई !!
पर उस साथ में भी तो तेरी याद छुपी होगी !!
कोई किस्सा कोई बात एक मुलाक़ात छुपी होगी !! 
मैं दूर से भी देख लू इन निगाहो से तुझको !!
पर इन निगाहो में भी तो एक फरियाद छुपी होगी !!